भारतीय इंजीनियर अलग ही नस्ल के होते हैं – अमेरिकी सीईओ
अमेरिकी कंपनी के सीईओ रोशन पटेल (Roshan Patel) ने क्यों भारतीय इंजीनियर अलग नस्ल (Indian Engineers Are A Different Breed) का बताया? ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ और ‘कॉर्पोरेट कल्चर’ को लेकर छिड़ी एक नई बहस।
हाल ही में, Arrow के फाउंडर और सीईओ रोशन पटेल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने भारतीय इंजीनियर्स की मेहनत की तारीफ (Indian Engineers Are A Different Breed) की। इस पोस्ट में पटेल ने एक स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें उन्होंने एक कर्मचारी से कहा कि वह कुछ समय की छुट्टी लें, लेकिन कर्मचारी का जवाब था कि उन्हें छुट्टी की जरूरत नहीं है।
कर्मचारी के साथ चैट का यह स्क्रीनशॉट और अमेरिकी सीईओ की इस पर प्रतिक्रिया अब भारत में खूब वायरल हो रही है। खासकर इंजीनियर्स के बीच इसको लेकर खूब चर्चा है और कई तो मज़ाक में कह रहे हैं कि ‘अगर हम इतने ही अच्छे हैं तो फिर हमारी सैलरी बढ़नी चाहिए।’
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Indian Engineers Are A Different Breed – CEO
अमेरिकी कंपनी Arrow Payments के सीईओ रोशन पटेल ने अपने एक कर्मचारी को मैसेज किया कि “मैंने देखा कि आपने काफी समय से छुट्टी नहीं ली है। बस यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि आप छुट्टी लें यदि इसकी ज़रूरत हो!” इस पर कर्मचारी ने उत्तर दिया, “मुझे छुट्टी की ज़रूरत नहीं है, सर। मेरा शरीर कंपनी के उत्पाद मार्केट फिट की खोज के लिए एक वेसल है।”
इसी चैट की स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए रोशन ने लिखा, ‘भारतीय इंजीनियर अलग नस्ल के होते हैं।’ इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर लगभग 5 मिलियन से अधिक व्यूज़ और 85,000 से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं।
indian engineers are a different breed pic.twitter.com/fYdMundMfy
— Roshan Patel (@roshanpateI) July 24, 2024
इंटरनेट पर प्रतिक्रियाएं
हालांकि इंटरनेट पर इस पोस्ट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ उपयोगकर्ताओं ने भारतीय इंजीनियर्स की मेहनत की सराहना की, जबकि दूसरों ने इसे संज्ञानात्मक बताया। एक यूजर ने कहा, “वे वास्तव में ऐसे ही होते हैं। मैंने एक कंसल्टेंसी में काम किया जहां मेरी टीम का अधिकांश हिस्सा भारतीय था। उनकी मेहनत यूनिक थी।”
एक यूज़र ने मज़ाक़िया अंदाज़ में लिखा, ‘एलन मस्क इसे [उस इंजीनियर को] ढूँढ रहे हैं।’
वहीं एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, “अगर आप ने उपेक्षित सर्काज़्म को नहीं पहचाना है, तो आपने भारतीय इंजीनियर्स के साथ काफी काम नहीं किया है।”
‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ और ‘कॉर्पोरेट कल्चर’
कुछ उपयोगकर्ताओं ने ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया। एक यूजर ने लिखा, “कॉर्पोरेट को आपसे कोई मतलब नहीं है, वे केवल अपनी लाभ की चिंता करते हैं। अपनी नौकरी के अलावा एक जीवन जीना बहुत ज़रूरी है।”
अधिकांश उपयोगकर्ता इस पोस्ट को लेकर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रतिक्रियाओं में विभाजित थे। कुछ ने इसे प्रेरणादायक माना, जबकि दूसरों ने इसे विषाक्त वातावरण का प्रतीक बताया।
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वैसे भी भारतीय इंजीनियर्स व लोगों की मेहनत और समर्पण की चर्चा कोई नई बात नहीं है। दुनिया भर में भारतीयों की मेहनत सराहना होती रही है। लेकिन इस पोस्ट ने ‘वर्क-लाइफ बैलेंस’ और ‘कॉर्पोरेट कल्चर’ को लेकर एक नई बहस शुरू कर दी है।