CBSE में क्लास 9 से 12 तक ओपन बुक एग्जाम? ये होगा परीक्षा का तरीका
CBSE ने क्लास 9 से 12 के लिए ओपेन बुक एग्जाम का प्रस्ताव रखा है. इस ओपेन बुक एग्जाम का तरीका कुछ अलग होगा.
CBSE ने अपनी बोर्ड की परीक्षाओं में कुछ बदलाव करने की तैयारी की है। इस बदलाव में सीबीएसई ने क्लास 9 से 12 तक की परीक्षाओं में ओपन बुक एग्जाम (Open Book Exam) करने का प्रस्ताव दिया है। ओपन बुक एग्जाम में छात्र छात्राओं क अपनी पाठ्य पुस्तिका, नोट्स, व अन्य अध्ययन सामग्री ले जाने की छूट होगी और परीक्षा के दौरान इनकी मदद ले सकेंगें। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड समय समय पर उपयोगी बदलाव करता रहता है।
कुछ स्कूलों में कक्षा 9वीं व 10वीं के लिए इंग्लिश, मैथमेटिक्स, साइंस और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए मैथ्स, इंग्लिश और बायोलॉजी जैसे विषयों में परीक्षण कर छात्रों का मूल्यांकन किये जाने की योजना है।
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CBSE Open Book Exam – कब ?
इस विषय पर द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के अंत में ओपन बुक परीक्षा की प्रक्रिया की टेस्टिंग कुछ स्कूलों में शुरू हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक यह पायलट रन नवंबर-दिसंबर, 2024 तक शुरू होंगे। और अगले साल से सीबीएसई (CBSE) बोर्ड परीक्षाओं में ओपन बुक एग्जाम सिस्टम को लागू कर सकता है।
ऐसे होते हैं Open Book Exam पेपर
ओपन बुक एग्जाम का मुख्य उद्देश्य छात्रों की याददाश्त का परीक्षण करना नहीं है बल्कि छात्रों में उनके रचनात्मक सोच के कौशल को विकसित करना है और उनकी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाना है। यदि ओपन बुक एग्जाम प्रद्धति को लागू किया जाता है तो इससे विद्यार्थियों को यह लाभ होगा कि जो वे याद करके लिखते थे उसकी बजाय व्याख्यानों से सीखकर विश्लेषण करके परीक्षा में उत्तर लिखने पर केंद्रित होंगे।
CBSE ओपन बुक एग्जाम – फायदे:
ओपन बुक एग्जाम के कई फायदे है जिनसे विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा और उनकी कौशल क्षमताओं में वृद्धि हो सकेगी।
- चीजों को रटने की जरुरत नहीं होगी।
- छात्रों में विश्लेषण क्षमता और वैचारिक कौशल का विकास होगा।
- ओपन बुक एग्जम knowledge को अधिक महत्वपूर्ण बनाएगा।
- एवरेज छात्रों को अच्छा स्कोर करने में मदद मिलेगी।
- छात्रों में व्याख्यान और तर्क क्षमता का विकास होगा।
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सर्वप्रथम DU (Delhi University) ने 2020 में ओपन बुक परीक्षण की शुरुआत की थी। परन्तु इसका काफी विरोध हुआ और इस प्रणाली को न अपना कर परीक्षा में सामान्य तरीका अपनाया गया।
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सीबीएसई पहले भी कर चुका है प्रयोग
CBSE ने पहले भी इस ओपन बुक एग्जाम प्रणाली का मूल्यांकन का प्रयोग किया, परन्तु नकारात्मक प्रक्रिया की वजह से इसे बंद कर दिया। फिलहाल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने फिर से सभी पहलुओं पर विचार किया और यह प्रस्ताव जारी करने की योजना बनाई है।