CBSE Board: 12वीं के रिजल्ट में जुड़ेंगे 9वीं से 11वीं तक के अंक – NCERT
एनसीईआरटी (NCERT) ने एक नई रिपोर्ट तैयार की है जिसमें CBSE बोर्ड के कक्षा 9वीं से लेकर 11वीं तक के अंकों को भी बारहवीं के रिजल्ट में शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
CBSE Board: Class 9-11 Marks to be Added in 12th Result, NCERT Proposes | कक्षा 12वीं के रिजल्ट में महत्वपूर्ण बदलाव की योजना बनाई जा रही है। एनसीईआरटी (NCERT) ने एक नई रिपोर्ट तैयार की है जिसमें कक्षा 9वीं से लेकर 11वीं तक के अंकों को भी बारहवीं के रिजल्ट में शामिल करने का सुझाव दिया गया है। यह रिपोर्ट एनसीईआरटी के संगठन ‘परख’ द्वारा तैयार की गई है, जिसमें बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए व्यापक बदलावों का प्रस्ताव रखा गया है।
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CBSE Board 12th Result New Rule
जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में सुझाया गया है कि कक्षा 12वीं के परिणामों में कक्षा 9वीं के 25 प्रतिशत, कक्षा 10वीं के 20 प्रतिशत और कक्षा 11वीं के 25 प्रतिशत वेटेज (Weightage) को जोड़ा जाए। इस कदम से छात्रों की संपूर्ण शैक्षणिक यात्रा का मूल्यांकन करना संभव होगा, जिससे केवल एक परीक्षा पर निर्भरता कम होगी।
वोकेशनल और स्किल कोर्सेज का होगा विस्तार
एनसीईआरटी ने छात्रों के लिए वोकेशनल और स्किल कोर्सेज को अनिवार्य करने की भी सिफारिश की है। इसमें डेटा मैनेजमेंट, कोडिंग, एप्लीकेशन डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संगीत, कला और क्राफ्ट जैसे कौशलों को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। नई शिक्षा नीति (NEP) में भी इस दिशा में कदम उठाने की बात कही गई है।
शिक्षकों और स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
रिपोर्ट में शिक्षकों की परफॉर्मेंस के मूल्यांकन और स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए भी सुझाव दिए गए हैं। इसमें पीने योग्य पानी की उपलब्धता, अच्छी लाइब्रेरी, खेल की सुविधाओं में सुधार और समग्र रूप से एक अनुकूल शैक्षिक माहौल बनाने पर जोर दिया गया है।
CBSE Board 12th Result: फॉर्मेटिव व सुमेटिव असेसमेंट
रिपोर्ट के अनुसार, कक्षा 12वीं के परिणामों को फॉर्मेटिव और सुमेटिव (Summative) असेसमेंट में विभाजित किया जाना चाहिए। फॉर्मेटिव असेसमेंट में सेल्फ-रिफ्लेक्शन, स्टूडेंट पोर्टफोलियो, शिक्षक मूल्यांकन, प्रोजेक्ट एक्जीक्यूशन और सामूहिक चर्चा शामिल होंगी, जबकि सुमेटिव असेसमेंट में मिड टर्म और फाइनल टर्म परीक्षाएं शामिल होंगी।
क्रेडिट बेस्ड सिस्टम का होगा उपयोग
रिपोर्ट में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए क्रेडिट बेस्ड सिस्टम (Credit-Based System) का सुझाव दिया गया है, जो छात्रों को उनकी शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में प्रदर्शन के आधार पर अंक प्रदान करेगा। इससे छात्रों को अधिक समग्र और विविध शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इस रिपोर्ट में प्रस्तावित बदलाव छात्रों के समग्र विकास और उनकी शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है। जानकारों का मानना है कि इससे न केवल बारहवीं के परिणामों का स्वरूप बदलेगा, बल्कि छात्रों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का सही मूल्यांकन भी किया जा सकेगा।
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