CA Anna Sebastian Death: 26 वर्षीय EY पुणे कर्मचारी की मौत, ‘काम का तनाव’ वजह?
26 वर्षीय EY पुणे कर्मचारी, एना सेबेस्टियन पेरायिल (Anna Sebastian Perayil) की अचानक मौत हो गई। उनकी माँ का कहना है कि ‘काम का अत्यधिक तनाव’ ही इसकी वजह है।
CA Anna Sebastian Death | पुणे की EY फर्म में काम करने वाली 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट एना सेबेस्टियन पेरायिल (Anna Sebastian Perayil) की कथित रूप से ‘काम के तनाव और अत्यधिक दबाव’ के चलते हुई मौत ने एक बार फिर वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर एक बड़ी बहस शुरू कर दी है। केरल की रहने वाली एना सेबेस्टियन ने 2023 में अपने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) की परीक्षा पास की थी। इसके बाद मार्च 2024 में उन्होंने पुणे स्थित EY (अर्न्स्ट एंड यंग) में अपनी पहली नौकरी शुरू की थी।
एक युवा और ऊर्जावान प्रोफेशनल के रूप में उन्होंने बड़ी उम्मीदों के साथ अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन महज चार महीने बाद, 20 जुलाई 2024 को एना की मौत हो गई। उनकी मां का आरोप है कि ‘काम के अत्यधिक दबाव और तनाव’ की वजह से एना की मौत हुई। सोशल मीडिया पर इसको लेकर अब व्यापक चर्चा छिड़ चुकी है।
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Anna Sebastian Perayil Death
सामने निकलकर आ रही जानकारी के मुताबिक, एना (Anna Sebastian Perayil) की मां, अनीता ऑगस्टिन (Anita Augustine) ने कंपनी के इंडिया हेड, राजीव मेमानी (Rajiv Memani) को एक ईमेल भेजकर इस दुखद घटना की जानकारी दी। अपने मेल में अनीता ऑगस्टिन ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की मौत अत्यधिक काम और मानसिक तनाव के कारण हुई। अनीता का कहना है कि उनकी बेटी नौकरी के शुरुआती दिनों से ही काम के अत्यधिक बोझ के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से थक गई थी।
एना की मां ने बताया कि उनकी बेटी तनाव, बेचैनी, और नींद की कमी से जूझ रही थी, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी और अपने काम को बखूबी निभाने की कोशिश करती रही। अनीता ऑगस्टिन ने अपने ईमेल में लिखा कि एना पर लगातार काम का बोझ बढ़ता गया। यह भी दावा किया गया कि कई कर्मचारी अत्यधिक काम के कारण इस्तीफा दे चुके थे, लेकिन एना को उसकी टीम की छवि बदलने की जिम्मेदारी दी गई थी।
दिन-रात कंपनी देती रही काम?
ऐसे हालातों में एना के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो गई, जब उनके मैनेजर ने क्रिकेट मैचों के दौरान मीटिंग्स शेड्यूल करना शुरू कर दिया और दिन के अंत में काम सौंपने लगे। मेल में जिक्र है कि एक ऑफिस पार्टी के दौरान कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मजाक में कहा कि एना को अपने मैनेजर के अधीन काम करने में मुश्किलें आएंगी, और दुर्भाग्यवश यह सच साबित हुआ।
अनीता ऑगस्टिन ने ईमेल में यह भी बताया कि उनकी बेटी को देर रात और सप्ताहांत में भी काम करना पड़ता था। उन्होंने लिखा:
“एना हमें बताती थी कि उसे रात में भी काम के लिए फोन किए जाते थे। एक बार उसके असिस्टेंट मैनेजर ने उसे रात में एक काम सौंपा, जिसे सुबह तक पूरा करना था। जब उसने इसका विरोध किया, तो उसे जवाब मिला, ‘रात में काम करना पड़ता है, यही हम सब करते हैं’।”
Anna Sebastian Death: मानवाधिकारों की उपेक्षा
एना की मां ने आरोप लगाया कि EY जैसी प्रतिष्ठित फर्म में काम के लिए ‘ओवरवर्क‘ को महिमामंडित (Glorifying Overwork Culture) किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि एना, जो एक नई प्रोफेशनल थी, अपने अनुभवहीनता और आत्मविश्वास की कमी के कारण काम के दबाव को समझ नहीं पाई और खुद को अत्यधिक तनाव में डाल दिया। माँ ने लिखा:
“वह नयी थी, उसे ना कहने की आदत नहीं थी। वह अपनी नई भूमिका में खुद को साबित करने के प्रयास में अपनी शारीरिक और मानसिक सीमाओं से भी आगे बढ़ गई।”
स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही
यह भी सामने आ रहा है कि एना की तबीयत कई हफ्तों से खराब चल रही थी। उन्हें सीने में जकड़न महसूस हो रही थी, लेकिन डॉक्टर ने इसे नींद की कमी और गलत समय पर भोजन करने का परिणाम बताया था। डॉक्टर ने एंटासिड दवाइयाँ दीं, जिससे उनके माता-पिता को लगा कि समस्या गंभीर नहीं है। लेकिन 20 जुलाई को, एना सेबस्टियन की अचानक मौत ने सबको हिला कर रख दिया।
EY फर्म की मौन प्रतिक्रिया
बता दें अब तक कंपनी की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। माँ अनीता ने दुख जताया कि उनकी बेटी के अंतिम संस्कार में EY पुणे के कोई भी कर्मचारी शामिल नहीं हुए। उन्होंने कहा, “एक कंपनी जो मानवाधिकारों और मूल्यों की बात करती है, वह कैसे अपने ही कर्मचारी के अंतिम समय में अनुपस्थित रह सकती है?”
उन्होंने EY से इस घटना को “वेक-अप कॉल” मानने का आग्रह किया और कहा कि कंपनी को अपने कार्य-संस्कृति की समीक्षा करनी चाहिए और कर्मचारियों के स्वास्थ्य और भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए।
Anna Sebastian Death Cause?
वैसे यह साफ़ कर दें कि अब तक Anna Sebastian की मृत्यु का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। ईमेल में बताया गया है कि एना ने मृत्यु से कुछ सप्ताह पहले, “सीने में जकड़न” की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे पुणे के अस्पताल ले गए। उसका ईसीजी सामान्य था और हृदय रोग विशेषज्ञ से भी सलाह ली गई थीं। उन्होंने पर्याप्त नींद न मिलने और बहुत देर से खाना खाने जैसी बातें कहीं थीं।
वर्क-लाइफ बैलेंस पर बहस: Anna Sebastian Death
इस घटना ने एक बार फिर ऑफिसों में अत्यधिक काम के दबाव और मानसिक तनाव के मुद्दे को उजागर कर दिया है। युवा प्रोफेशनल्स अक्सर नई नौकरी में खुद को साबित करने के लिए अत्यधिक काम करते हैं, लेकिन काम और जीवन के बीच संतुलन न बना पाने के कारण यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ता है। कई कंपनियों में भी आज के समय दिन-रात काम करने की हिदायत दी जाती है और कहा जाता है कि करियर में आगे बढ़ता है तो निजी जीवन से ज़्यादा काम को प्राथमिकता दो।
लेकिन हमनें समझना होगा कि यह बिल्कुल गलत प्रथा है। हमें यह समझना होगा कि ऐसे बहकावे में लेकर कई लोग अपना काम निकलवाना चाहते हैं और यहाँ तक कि जब कर्मचारी पैसों को बढ़ाने की बात करते हैं तो उन्हें निकाल देने तक की धमकी दी जाती है। काम हमेशा से ही ज़रूरी होता है, लेकिन उसके साथ ही खुद के लिए समय निकालना, परिवार और दोस्तों के लिए समय देना भी उतना ही आवश्यक है। याद रहे! हम इंसान हैं कोई मशीन नहीं!
इस दुखद घटना से यह साफ होता है कि कार्यस्थल पर कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना कितना महत्वपूर्ण है। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके कर्मचारियों पर अत्यधिक काम का बोझ न डाला जाए, और उन्हें सही समय पर आराम और ब्रेक लेने का अवसर मिले।
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