Byju’s में शेयरहोल्डर्स ने किया वोट, बायजू रवींद्रन को बोर्ड से हटाने का फैसला
Byju’s शेयरहोल्डर्स ने ईजीएम बैठक में बायजू रवींद्रन और परिवार को निकालने का फैसला लिया, लेकिन रवींद्रन और उनका परिवार मीटिंग में शामिल नहीं हुआ.
देश के सबसे बड़े एडटेक स्टार्टअप Byju’s में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. कंपनी के शेयरहोल्डर्स ने शुक्रवार को एक ‘एक्स्ट्राऑर्डिनरी जरनल मीटिंग’ (EGM) बुलाई. इस ईजीएम में फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन व उनके परिवार के सदस्यों को कंपनी के बोर्ड से हटाने (Byju’s investors vote to remove Byju Raveendran) के प्रस्ताव रखा गया. 60 प्रतिशत से अधिक शेयरहोल्डर्स प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया.
इस तरह 23 फरवरी को ईजीएम में शेयरहोल्डर्स ने कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बोर्ड से बाहर निकालने का निर्णय लिया का प्रस्ताव मंजूर कर दिया. खबर है कि मीटिंग में Byju’s के भीतर फाइनेंशियल मिस-मैनेजमेंट और कंप्लायंस से जुड़े विषयों, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को रीस्ट्रक्चर करने और लीडरशिप में बदलाव जैसे प्रस्ताव पेश हुए. इन सभी को शेयरहोल्डर्स ने सर्वसम्मति से पारित किया है. लेकिन इस मीटिंग को ही ‘अमान्य’ करार दे दिया गया है.
गौरतलब है, खबरों के अनुसार Byju’s के शेयरहोल्डर्स ने कंपनी में ‘मिस-मैनेजमेंट’ और ‘फेलियर्स’ व हालिया विवादों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया है.
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Did Byju’s remove Byju Raveendran?
भले बायजूस के 60 प्रतिशत से अधिक शेयरहोल्डर्स ने रवींद्रन व उनके परिवार को निकालने का प्रस्ताव पास किया. लेकिन बायजूस पर मालिकाना अधिकार रखने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न (Think & Learn) ने फाउंडर्स की अनुपस्थिति में हुई इस मीटिंग को ही ‘अमान्य’ बता दिया. रवींद्रन व परिवार के अन्य सदस्यों ने बैठक का बहिष्कार किया.
मीटिंग में कंपनी के फाउंडर और उनके परिवार के सदस्य शामिल नहीं हुए. यह सभी भी Byju’s बोर्ड के सदस्य हैं. ऐसे में मतदान के समय उनकी उपस्थिति भी अहम हो जाती है. लेकिन इसके कानूनी पहलुओं के बारे में दोनों पक्ष अब और अधिक स्पष्टता दे सकते हैं. Byju’s में यह EGM कंपनी के 6 बड़े निवेशकों ने बुलाई थी. यह सभी कुल मिलाकर पैरेंट फर्म थिंक एंड लर्न में 32 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी रखते हैं. वहीं बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के पास Byju’s में कुल 26.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
हाईकोर्ट में है मामला
बायजू रवींद्रन पहले ही कर्नाटक हाईकोर्ट में कुछ निवेशकों के द्वारा EGM बुलाने के निर्णय को चुनौती दे चुके हैं. उन्होंने बैठक ना होने देने की अपील की थी. लेकिन अदालत ने EGM पर रोक नहीं लगाई, परंतु ये आदेश जरूर दिया कि ईजीएम में पारित हुआ कोई भी प्रस्ताव, कोर्ट की अगली सुनवाई तक प्रभावी नहीं होगा.
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ऐसे में यह फैसला 13 मार्च 2024 तक तो लागू नहीं हो सकता, क्योंकि इसी दिन कर्नाटक हाईकोर्ट में रवींद्रन की याचिका पर आगे सुनवाई होनी है. वर्ष 2022 में कभी 22 बिलियन डॉलर की वैल्यूएशन पर आंका गया Byju’s फिलहाल 20 करोड़ डॉलर पर राइट्स इश्यू किया करता दिखाई दिया।