BYJU’S को NCLT की फटकार, ‘Salary दीजिए या फिर ऑडिट होगा’
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने एडटेक BYJU’S पर कर्मचारियों का वेतन (Salary) देने को लेकर की सख्त टिप्पणी: रिपोर्ट
कभी एडटेक स्टार्टअप इंडस्ट्री का पोस्ट बॉय रहा बायजूज (BYJU’S) बीतें कुछ सालों से एक कठिन दौर से गुजर रहा है। कंपनी तमाम विवादों से घिरी हुई है। और अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने गुरुवार यानी 4 जुलाई को एडटेक BYJU’S को कुछ सख्त निर्देश व चेतावनी दी (NCLT Warns BYJUS Over Salary Issue) है।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने बायजूज को सख्ती से कहा कि भले ही कंपनी को राइट्स इश्यू से जुटाए गए फंड्स का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं हो, लेकिन उसे अपने कर्मचारियों की सैलरी देनी होगी। इतना ही नहीं बल्कि ट्रिब्यूनल ने बायजूज को साफ लहजे में निर्देश दिए कि या तो वह फंड्स की कमी का पुख्ता प्रमाण पेश करें या फिर ऑडिट का सामना करने के लिए तैयार रहें।
BYJUS Salary Issue
इस मामले से संबंधित बिजनेस स्टैंडर्ड की एक हालिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बताया गया है कि ये पिछले महीने कर्मचारियों द्वारा दायर याचिका के जवाब में ट्रिब्यूनल द्वारा की गई एक मौखिक टिप्पणी थी। कथित रूप से BYJU’S ने फंड की कमी का हवाला देते हुए वेतन भुगतान से संबंधित राहत की मांग की थी।
रिपोर्ट के अनुसार NCLT का कहना था कि कंपनी अभी अपना संचालन कर रही है, और मतलब उसे राजस्व मिल रहा होगा। ऐसे में फंड की कमी का हवाला देकर कर्मचारियों को सैलरी का भुगतन न करना किसी प्रकार से उचित नहीं है।ट्रिब्यूनल ने यह भी चेतावनी दी कि यदि कंपनी कर्मचारियों को भुगतान नहीं करती है तो इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा ऑडिट किया जाएगा।
BYJUS के कर्मचारियों का वेतन?
संकटग्रस्त BYJU’S के लगभग 25 से अधिक कर्मचारियों की ओर से एक याचिका दायर की गई थी, इसमें कर्मचारियों को फरवरी और मार्च महीने की सैलरी न मिलने पर ट्रिब्यूनल से हस्तक्षेप की मांग की थी।
इस बीच BYJU’S मौजूदा वित्तीय संकट खासकर सैलरी आदि में देरी के लिए फरवरी में राइट्स इश्यू के माध्यम से जुटाए गए फंड्स को एक्सेस न कर पाने को कारण बताता रहा है। असल में यह पूंजी फिलहाल NCLT के आदेश के चलते एक एस्क्रो खाते में रखी गई है, और मामले का निपटारा होने के बाद भी संभवतः इसे इस्तेमाल करने की इजाजत दी जा सकती है।
फिल हाल NCLT के सख्त रूख के बाद, सामने आ रही जानकारी के अनुसार BYJU’S ने ट्रिब्यूनल से 48 घंटे का समय मांगा है ताकि वह यह तय कर सके कि उसे निवेशकों के साथ मामले को सुलझाने के लिए एसेट्स को गिरवी रखना है या बेचना है।
OPPO vs BYJU’S
फिलहाल मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते होनी है। वहीं इस दौरान NCLT ने ओप्पो (Oppo) और सर्फर टेक्नोलॉजीज (Surfer Technologies) द्वारा बायजूज (BYJU’S) के खिलाफ दायर दिवालिया याचिकाओं को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।
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