B.Ed का हक PRT: बीएड छात्रों की मांग ‘अध्यादेश’, उठा रहे आवाज
B.Ed का हक PRT सोशल मीडिया पर वायरल. बीएड छात्रों की मांग, प्राइमरी शिक्षक पात्रता हेतु लाया जाए अध्यादेश.
आज बड़ी संख्या में बीएड (B.Ed) छात्रों ने सोशल मीडिया पर ‘प्राइमरी शिक्षक‘ (PRT) के लिए किए जाने की मांग उठाई. एक्स पर #BEd_का_हक_PRT टॉप पर दिखाई दिया. ज्ञातव्य है कि पिछले अगस्त सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय के तहत प्राइमरी शिक्षक (PRT) बनने के लिए तय योग्यता से B.Ed डिग्री धारकों को बाहर कर दिया था. छात्रों की मांग (BEd PRT Protest) है कि सरकार अध्यादेश लाकर पुनः उन्हें पात्र बनाए.
मामला 11 अगस्त 2023 से जुड़ा है. इस दिन सुप्रीम कोर्ट में जजों की एक बेंच ने राजस्थान हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ केंद्र और NCTE की अपील को खारिज कर दी. सर्वोच्च अदालत ने NCTE के 28 जून, 2018 को जारी अधिसूचना को भी रद्द कर दिया था. मुख्य मुद्दा भी यही है.
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NCTE की 2018 अधिसूचना में क्या था?
साल 2018 में नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (NCTE) द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी. इसमें भारत में शिक्षकों के लिए योग्यता का निर्धारण किया गया था. अधिसूचना में बीएड (B.Ed) डिग्री धारकों को प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए पात्र (एलिजिबल) बताया गया. इसके मुताबिक, उनके लिए अतिरिक्त रूप से सिर्फ 6 महीने के एक ब्रिज कोर्स का प्रावधान था. इसलिए वह प्राइमरी शिक्षक (कक्षा 1 से 5 के टीचर) बनने के लिए पात्र कहे गए. पर जैसा हमनें पहले बताया, अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने ये अधिसूचना रद्द कर दी.
B.Ed Students Demands PRT (#BEd_का_हक_PRT)
इसलिए बीएड छात्र अब लगातार फिर से PRT के लिए पात्र बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए ‘BEd का हक PRT’ (BEd Demand PRT) जैसे ट्रेंड चलाए. तमाम सोशल मीडिया यूजर्स ने अपने पोस्ट में निम्न बातें लिखी;
‘बीएड छात्र अक्रोशित है मांग कर रहे, बीएड के लिए अध्यादेश का’
‘देश के 2.5 करोड़ परिवार का सपना टूट गया, लेकिन अभी तक असली मायनों में उन्हें न्याय नहीं मिला’
साल 2018-2024 तक के छात्रों ने इस राजपत्र के अनुसार B.ed किए है लेकिन केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण सुप्रीम कोर्ट ने B.ed के छात्रों को PRT से बाहर कर दिया गया है इसकी जिम्मेदारी तो केंद्र सरकार को लेनी होगी और B.ed को PRT मे शामिल करना होगा#BEd_का_हक_PRT pic.twitter.com/xTzNTao7Tq
— Prince Kumar ojha 🇮🇳 (@princeojhaa) February 25, 2024
BEd PRT Protest
वहीं कुछ ने सवाल उठाया और लिखा;
29 जून 2018 को NCTE द्वारा प्रकाशित गजट जिसमें प्राथमिक विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता के सुधार हेतु बी०एड० छात्रों को प्राथमिक विद्यालय में अध्यापन हेतु शामिल करना देश के हित में लिए गए निर्णय का प्रमुख भाग था लेकिन 11 अगस्त 2023 को भारत सरकार के इस निर्णय को आदेशित मानकर सुप्रीम कोर्ट ने उक्त गजट को निरस्त कर दिया. इन 5 वर्षों मे सम्पूर्ण देश में लगभग 80 लाख छात्रों ने बी०एड० कोर्स का चुनाव कर शैक्षिक सत्र की समाप्ति की तथा अध्यापक भर्ती हेतु TET, CTET की योग्यताएँ प्राप्त की.
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उक्त गजट के निरस्त हो जाने के बाद आज लाखों बी०एड० छात्रों की डिग्री बर्बाद हो गयी है, सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद कई अध्यापक भर्तियों में सफलता के पश्चात् हजारो बी०एड० छात्रों को बाहर कर दिया गया….. भारत देश के नागरिक होने के कारण हमने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार की नीतियों का पालन किया……. इसलिए हम यह जानना चाहते है कि हम दोषी कैसे है?