Anti Paper Leak Law: पेपर लीक विरोधी कानून क्या है? ये हैं प्रावधान व नियम
मोदी सरकार ने परीक्षा में धांधली रोकने के लिए नया एंटी पेपर लीक कानून – सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 (Public Examinations Prevention of Unfair Means Act 2024) लागू कर दिया है।
देश भर में फिलहाल तमाम परीक्षाओं में हुए ‘पेपर लीक’ का मुद्दा गरमाया हुआ है। NEET और UGC NET जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) समेत केंद्र सरकार पर भी निशाने पर आ गई है। और अब मोदी सरकार ने परीक्षा में होने वाली धांधली रोकने के लिए नया एंटी पेपर लीक कानून (Anti Paper Leak Law) – सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 (Public Examinations Prevention of Unfair Means Act 2024) लागू कर दिया है।
एंटी पेपर लीक कानून की घोषणा और अधिसूचना “कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय” की ओर से जारी की गई। पेपर लीक के खिलाफ मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाते 22 जून 2024 से ही देश भर में ‘एंटी पेपर लीक लॉ‘ लागू करने का ऐलान किया है। शुक्रवार को देर रात ही इस नए कानून को लाने के साथ सरकार की कोशिश प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित तरीकों के इस्तेमाल, पेपर लीक व अन्य धांधलियों पर लगाम लगाने की है।
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फरवरी में ही आ गया था Anti Paper Leak Law?
कुछ ही हफ्तों पहले NEET UG और हाल में UGC NET पेपर लीक से शुरू हंगामे के बीच केंद्र सरकार का ये नया कानून असल में फरवरी से ही चर्चा में रहा है। गौरतलब है सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 का सफर कुछ इस प्रकार रहा:
▶︎ संसद द्वारा पारित हुआ – फरवरी, 2024 में
▶︎ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूरी – फरवरी, 2024 में
▶︎ देश भर में प्रभावी रूप से लागू हुआ – जून, 2024 में
शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की ओर से यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। हाल में व्यापक रूप से परीक्षाओं में हो रहे पेपर लीक के चलते देश भर में छात्रों व तमाम लोगों के बीच आक्रोश साफ देखा जा सकता है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस निर्णय के बाद, सरकार वापस से छात्रों का भरोसा जीत सकेगी।
10 साल की जेल व 1 करोड़ रुपए का जुर्माना
नए कानून के जरिए परीक्षा में धांधली करने वाले आरोपियों के लिए कड़ी सजा के साथ ही साथ भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधलियों के दोषियों को न्यूनतम 3 साल से लेकर 10 साल तक की जेल हो सकती है। साथ ही संबंधित अपराधियों पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
एंटी पेपर लीक लॉ में सजा के प्रावधानों के तहत:
- परीक्षा में असल उम्मीदवार की जगह बैठने, पेपर हल करने में शामिल होने और परीक्षा धोखाधड़ी की रिपोर्ट नहीं करने वालों के लिए 3-5 साल की जेल की सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
- वहीं धोखाधड़ी और अन्य धांधली के तहत संगठित अपराधों में शामिल लोगों को 5-10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये को जुर्माना देना होगा।
सरकार का मानना है कि इस कानून के साथ लागू की जा रही सख्ती के चालते परीक्षाओं में होने वाली धांधलियों पर प्रभावी रूप से अंकुश लगाया जा सकेगा। इतना ही नहीं बल्कि छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा को निष्पक्षता और पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जा सकेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कानून भारत की शिक्षा प्रणाली में नए सिरे से सुधार की गुंजाइश पैदा करता है। इसकी मदद से एक बार फिर देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रक्रिया को विश्वसनीय बनाया जा सकेगा।
Anti Paper Leak Law: ये हैं सभी नियम
लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024′ अधिसूचित किए जाने के साथ केंद्र की कोशिश है कि परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को लेकर व्यापक तौर पर विभिन्न पहलुओं पर गौर किया जाए। इस नए एंटी पेपर लीक कानून में 15 ऐसी गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें लिप्त पाए जाने पर कठोरतम कार्यवाई व प्रतिबंधों का प्रावधान किया गया है।
जेल, जुर्माना या बैन जैसी सजा हेतु ये 15 गतिविधियां चिन्हित की गई हैं:
- परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र (एग्जाम पेपर) या उत्तर (आंसर) की लीक करना
- लीक में दूसरे दोषियों के साथ लिप्त होना
- अनधिकृत रूप से प्रश्न पत्र या ओएमआर शीट देखना या अपने पास रखना
- परीक्षा के दौरान किसी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा एक या अधिक सवालों के जवाब बताना
- परीक्षा में दौरान किसी उम्मीदवार को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जवाब देने में मदद करना
- आंसर शीट या ओएमआर शीट में गड़बड़ी करना
- बिना अधिकार या बिना बोनाफाइड एरर के असेसमेंट में हेरफेर करना
- परीक्षा हेतु केंद्र सरकार द्वारा तय मानकों और नियमों का जानबूझकर उल्लंघन करना
- उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग, मेरिट या रैंक निर्धारण के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट से छेड़छाड़ करना
- परीक्षा में गड़बड़ी करने की नीयत से सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करना
- कंप्यूटर नेटवर्क, कंप्यूटर रिसोर्स या किसी कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ करना
- परीक्षा में उम्मीदवारों के सीटिंग अरेंजमेंट, परीक्षा तिथि या शिफ्ट के आवंटन में गड़बड़ी करना
- परीक्षा अथॉरिटी व संचालन एजेंसियों से जुड़े लोगों को धमकाना या परीक्षा में व्यवधान पैदा करना
- पैसे ऐंठने या धोखाधड़ी के लिए फर्जी वेबसाइट व डॉक्यूमेंट्स बनाना
- फर्जी परीक्षा आयोजित करना, फर्जी एडमिट कार्ड या ऑफर लेटर जारी करना
किन-किन परीक्षाओं पर लागू होगा नया एंटी लीक कानून?
सरकार ने ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024’ का क्षेत्र को विस्तारित करके सभी मुख्य और महत्वपूर्ण परीक्षाओं को इसके प्रावधानों में शामिल किया है। इस क़ानून के तहत राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी कंप्यूटर-आधारित परीक्षाओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती, बैंकिंग भर्ती जैसी अन्य प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को भी इसके दायरे में लाया गया है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने भी प्रदेश में पेपर लीक और परीक्षाओं में धांधली को रोकने के लिए एक नई पॉलिसी पेश की है। हाल में यूपी में भी पुलिस भर्ती से लेकर आरओ एआरओ (RO ARO) परीक्षा में पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं। इसी को देखते हुए, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई नीति, कानून व नियमों (UP New Policy To Prevent Paper Leak) को लागू कर दिया है।
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