AICTE: इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक BTech ब्रांच में 240 सीटों की बाध्यता खत्म
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक की एक ब्रांच में 240 सीटों की लिमिट को खत्म करने का निर्णय किया है।
इंजीनियरिंग कॉलेजों से अब और भी अधिक इंजीनियर्स निकलते दिखाई दे सकते हैं। यह इंजीनियरिंग [Engineering] कॉलेजों में आगामी नए सेशन से देखनें को मिल सकता है। इसके पीछे का कारण है ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन [AICTE] द्वारा किया गया एक बड़ा फैसला। बीटेक की एक ब्रांच में अब 240 से अधिक [BTech Branch 240 Seats] हो सकती हैं।
यह निर्णय ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन या ‘एआईसीटीई’ ने लिया है। आने वाले नए सेशंस 2024-25 से इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक की एक ब्रांच में 240 से अधिक छात्रों का एडमिशन किया जा सकेगा।
मौजूदा नियम कहते थे कि किसी इंजीनियरिंग कॉलेज की एक बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटेक) ब्रांच में अधिक से अधिक 240 सीटें ही हो सकती थीं। अब आने वाले सेशन से ये नियम समाप्त होने जा रहा है।
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Engineering – 1 BTech Branch 240+ Seats?
एआईसीटीई का ये निर्णय शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू हो जाएगा। सीटों की लिमिट को खत्म करने के पीछे के कुछ तसंभावित कारण सामने आए, जैसे;
- यह कदम नई शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
- इससे कॉलेजों में सकल/कुल नामांकन अनुपात बढ़ेगा।
- लड़के और लड़कियों के अनुपात को भी बैलेंस किया जा सकेगा।
इंजीनियरिंग कॉलेजों को करना होगा आवदेन
अगर इंजीनियरिंग कॉलेज आने वाले शैक्षणिक सत्र 2024-25 में बीटेक की सीटों पर लगी लिमिट खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए कुछ आवश्यक कदम उठाने होंगे।
एआईसीटीई के मुताबिक, इस नए प्रोग्राम के तहत ब्रांच से सीटों की लिमिट हटाने की अनुमति प्राप्त करने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेजों को आवदेन करना होगा, जिससे जुड़े कुछ अहम बिंदु इस प्रकार हैं;
☛ एआईसीटीई ने अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका जारी कर दी है।
☛ सीट लिमिट हटाने के लिए कॉलेजों को 31 जनवरी तक आवेदन करने होंगे।
☛ शैक्षणिक सत्र 2024-27 के लिए अब तक 2,000 से अधिक कॉलेज आवेदन कर चुके हैं।
☛ आवदेन के बाद कॉलेज में उपलब्ध सुविधाओं की जाँच होगी।
☛ कॉलेज को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह बढ़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार हैं।
☛ जाँच करने वाली समिति में आईआईटी के शिक्षक भी होंगे।
☛ तय मानकों को पूरा ना करने पर अनुमति देने से मना किया जा सकता है।